Apni Azadi Ko Ham Hargiz Mita Sakate Nahin
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
Songs Info:
Lyricist गीतकार : शकील बदायुंनी
Singer गायक : मोहम्मद रफी
Film फिल्म : लीडर
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
सैकड़ों क़ुरबानियाँ देकर ये दौलत पाई है
मुस्कराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियाँ
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं
क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले वफ़ा के सामने
जा नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने
लाख फ़ौजें ले के आए अमन का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं
वक़्त की आज़ादी के हम साथ चलते जाएंगे
हर क़दम पर ज़िंदगी का रुख़ बदलते जाएंगे
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दार-ए-वतन
अपनी ताक़त से हम उसका सर कुचलते जाएंगे
एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं
हम वतन के नौजवां हैं, हम से जो टकरायेगा
वो हमारी ठोकरों से खाक में मिल जायेगा
वक्त के तूफान में बह जायेंगे जुल्म—ओ—सितम
आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहरायेगा
जो सबक बापू ने सिखलाया वो भूला सकते नहीं
Lyrics in English
Apanii aazaadii ko ham haragiz mitaa sakate nahiin
sar kataa sakate hai.n lekin sar jhukaa sakate nahiin
hamane sadiyon men ye aazaadii kii nemat paaii hai
saikdon qurabaaniyaan dekar ye daulat paaii hai
muskaraakar khaaii hain siinon pe apane goliyaan
kitane viiraanon se guzare hain to jannat paaii hai
Khaak men ham apanii izzat ko milaa sakate nahiin
kyaa chalegii zulm kii ahale vafaa ke saamane
jaa nahii.n sakataa koii sholaa havaa ke saamane
laakh faujen le ke aae aman kaa dushman koii
ruk nahiin sakataa hamaarii ekataa ke saamane
ham vo patthar hai.n jise dushman hilaa sakate nahiin
vaqt kii aazaadii ke ham saath chalate jaaenge
har qadam par zindagii kaa ruk badalate jaaenge
gar vatan men bhii milegaa koi gaddaar-e-vatan
apanii taaqat se ham usakaa sar kuchalate jaaenge
ek dhokhaa khaa chuke hain aur khaa sakate nahiin
Ham watan ke naujawaan hain, ham se jo takaraayega
Wo hamaari thhokaron se khaak men mil jaayega
Wakt ke tufaan men bah jaayenge julm-o-sitam
Asamaan par ye tirnga umr bhar laharaayega
Jo sabak baapu ne sikhalaaya wo bhula sakate nahin
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